tag:blogger.com,1999:blog-609974828227732757.post2413433162647769650..comments2023-08-06T01:57:09.290-07:00Comments on गाना - बजाना: चाँद है तारे भी है और ये तन्हाई भी ..........(रफ़ी & सुमन कल्याणपुर )निवेदिता श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-609974828227732757.post-33582783575092665872011-07-19T06:32:22.577-07:002011-07-19T06:32:22.577-07:00ये कैसा अनोखा गीत ढूँढ निकाला आपने
याद नहीं पड़ रहा...ये कैसा अनोखा गीत ढूँढ निकाला आपने<br />याद नहीं पड़ रहा कि आखिरी बार<br />कब सुना था,, शायद पहली बार ही सुन रहा हूँ<br />रफ़ी साहब और सुमन कल्यानपुर की मीठी आवाज़<br />और नाशाद साहब (नौशाद नहीं) का सुरीला संगीत ...<br />नाशाद की मौसिक़ी में आपने<br />फिल्म "बारादरी" और "आंसू" के गीत तो सुने होंगे<br />ऐसी नायाब प्रस्तुति के लिए<br />मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं .daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.com