गाना - बजाना
Sunday, September 9, 2012
खाली हाथ शाम आई है ......
Saturday, September 8, 2012
मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो ......... (जगजीत सिंह )
सुनते हैं कि मिल जाती है हर चीज़ दुआ से ....... (जगजीत सिंह & चित्रा सिंह )
रात भी नींद भी ,कहानी भी ........ ( चित्रा सिंह )
Friday, September 7, 2012
एक गरम चाय की प्याली हो ............
Thursday, September 6, 2012
ये ज़िन्दगी के मेले दुनिया में कम न होगे ..........
Tuesday, September 4, 2012
कुहू - कुहू बोले कोयलिया ,कुंज - कुंज में भंवरे डोले ..........
तेरे बिन सूने नयन हमारे .... ( बांसुरी पर )
ए री जाने न दूंगी मैं तो अपने रसिक को ........
सखी री मेरा मन उलझे तन डोले ..........
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)